5 Tips about हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे You Can Use Today



इससे शरीर में कही भी दर्द हो बहुत जलदी आराम मिलता है। कमर दर्द या सिर दर्द हो ठीक हो जाता है।

बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि हल्दी में चूना मिला देने से हल्दी के गुण बड़ जाते है और ये बात सच भी है। हल्दी को चूने में मिलाकर अंदरूनी चोट या सूजन में लगाने से यह दर्द को खींच लेता है। चोट-घाव में हल्दी के फायदे

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सद्‌गुरु : नीम आपके शरीर की सफाई करता है। आप जानते हैं कि नीम की लकड़ी कितनी गुणकारी होती है। यह लोगों को जाग्रत करने का काम करती है।

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छोटा-मोटा अपराध अगर संगठित अपराध बन जाए तो यह गंभीर समस्या हो जाती है, है न? हर शहर में हर कहीं छोटे-मोटे अपराधी होते हैं। वे यहां-वहां लोगों की जेब काटेंगे, यह कोई समस्या की बात नहीं है। लेकिन अगर पचास जेबकतरे एक शहर में संगठित हो जाएं, तो अचानक शहर का सारा माहौल बदल जाएगा। ये पचास लोग साथ मिलकर ऐसी चीजें कर सकते हैं कि आपके लिए सड़क पर निकलना खतरनाक हो जाएगा। शरीर में यही सब हो रहा है। कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इधर-उधर दौड़ रही हैं। अगर वे अपने आप यूं ही आवारागर्दी करते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे एक जगह मिलकर हमला करते हैं, तब समस्या है। इसके लिए उन्हें तोड़ते रहना होगा, यहां-वहां कुछ कोशिकाओं को मारना होगा, इससे पहले कि वे संगठित हो पाएं। रोजाना नीम का सेवन यही काम करता है, यह शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को सीमित रखता है, जहां वे शरीर के खिलाफ इकट्ठा नहीं हो पाती। इसलिए नीम का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है।

हालांकि हल्दी दर्द से संबंधित अवधियों को कम करता है, लेकिन यह एक गर्भाशय उत्तेजक है जो मासिक धर्म के निर्वहन के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है। इस कारण से, गर्भावस्था के दौरान चिकित्सीय खुराक लेते समय हल्दी से बचा जाना चाहिए।

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कच्ची हल्दी में करक्यूमिन तत्व पाए जाते है जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ने से रोकते है। कच्ची हल्दी में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है। कच्ची हल्दी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को कम करने में सहायक होती है। इस बात पर ध्यान देना जरुरी है की कच्ची हल्दी से कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है लेकिन इसे कैंसर का इलाज नहीं कह सकते।

त्वचा पर दाद खुजली हो गई है तो खुजली वाली जगह पर हल्दी click here का लेप लगाएं।

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अमूमन हमें हल्दी का सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए। कहा गया है कि रोजाना एक छोटे चम्मच हल्दी का सेवन हमारे लिए सही है। कुछ भी सीमा से ज्यादा हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसकी अधिकता खराब पेट, जी मिचलाने और डिजीनेस का कारण बन सकता है। हल्दी के सप्लीमेंट्स या कैप्सूल तो बिना चिकित्सकीय परामर्श के लेने ही नहीं लेना चाहिए। बेहतर तो यह होगा कि आप हल्दी का सेवन उसके प्राकृतिक रूप में ही करें।

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हाथ पैर फटने से बचाव के लिए  कच्चे दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर लेप बनाएं फिर उसको हाथों पैरों पर लगाएं इससे त्वचा मुलायम होती और हाथ पैर का फटने से बच जाते है । अगर हाथ पैर फटे हुए हो तो उसमें हल्दी भर दे जल्दी फायदा मिल जाएगा । सरसों के तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर होठों पर लगाने से होंठ फटना भी बंद हो जाते हैं ।

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